An Unbiased View of shiv chalisa lyricsl
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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
श्री शिव जी परम दयालु हैं। वह अपने भक्तों पर अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। श्री शिव जी अपने ऐसे ही सरलता के कारण जनमानस में सबके प्रिय देवता हैं। आज यहां पर हम श्री शिव जी के सबसे लोकप्रिय भजनों का लिरिक्स जानेंगे।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
नमो नमो जय नमो शिवाय। shiv chalisa lyricsl सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥